Tuesday, August 29, 2023

चाँद के पास जो उतारा है

चाँद के पास जो उतारा है 

वो हमारा भी कुछ लगता है 

सुबह हो शाम हो पहर कोई 

सदा ही ध्यान उसका रहता है 


जबसे आँखों से हो गया ओझल

मन में क्या-क्या ख़याल आते हैं 

जाने किस हाल में वो होगा अब

मन में डर सा ही लगा रहता है 


भेजा था सोच के समझ के ही

खोजेगा बातें कुछ नई कोई 

फिर भी ये दिल तो मेरा दिल ही है

बिना ही बात कल से डरता है 


आता-जाता भी तो नहीं कोई 

जिसके हाथों मैं भेज दूँ लड्डू 

सुना है रात-दिन जग-जग के

घंटों-घंटों वो काम करता है 


राहुल उपाध्याय । 29 अगस्त 2023 । ऑस्टिन 

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