मोरा चन्द्रयान लई ले
उसे गोद में बिठई ले
दुख सब का आज हर के
इन्हें प्यार तू दिखई दे
जब भी तुझे मैं देखूँ
अपना तुझे मैं पाऊँ
तकते है सारे तुझको
फिर भी तुझे ही ध्याऊँ
तू बेवफ़ा नहीं है कोई
इन सबको आज बतई दे
अपना है ख़ास रिश्ता
सबको नहीं है दिखता
तेरी आरती मैं गाऊँ
तुझमें है देव दिखता
रख लाज आज मोरी
इसको गले लगई ले
सदियों से तुझको देखा
सदियों से तुझको चाहा
तू पास नहीं है लेकिन
तुझको न दूर पाया
चंदा तू मामा सबका
भांजे को भेंट दई दे
राहुल उपाध्याय । 22 अगस्त 2022 । सिएटल
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