Thursday, August 17, 2023

मैं तुम्हें नापता हूँ ऐसे

मैं तुम्हें नापता हूँ ऐसे

लेने वाला कोई 

ले रहा हो कुर्सियाँ जैसे 


घर लाऊँ अगर तुमको क्या हो

कहीं दिल ना दुखे 

कि ले आया मैं किसको कहाँ से


है बैठक बिन कुर्सी अधूरी

पर आए न फिट 

पछताऊँ न इसको मैं पा के


कैसे कर लूँ मैं इस पे भरोसा 

कल को बदले अगर

रंग पीले से हो जाए भूरा


राहुल उपाध्याय । 16 अगस्त 2023 । सिएटल 

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