Sunday, August 20, 2023

गिरा हूँ मैं, मरा नहीं

गिरा हूँ मैं, मरा नहीं 

ज्वलंत हूँ, बुझा नहीं 

राह रोशन है आज भी

पथ से मैं डिगा नहीं 


मैं कौन हूँ, मैं कौन था

मुझको कुछ पता नहीं 

बात बस एक पते की है

कि किया कुछ बुरा नहीं 


गिर गया या गिराया गया

इस बहस का कोई सिला नहीं 

रोशनी भी है कहाँ मेरी

इसका कोई सिरा नहीं 


है कौन वो जो कहाँ नहीं 

जो हमसे है जुदा नहीं 

ख़ुद ही ख़ुद को ढूँढते

और कहते हैं मिला नहीं 


राहुल उपाध्याय । 20 अगस्त 2023 । सिएटल 


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