अगर दिल किसी से लगाया न होता
दोज़ख़ से खुद को बचाया न होता
सदा साथ रहते, आता न दूजा
जो तुमने हमको नचाया न होता
सभी ग़म सहते, उफ़ तक न करते
जो इलज़ाम झूठा लगाया न होता
थोड़ी आग रहती तो सहते ही रहते
जो प्रेम का दीपक बुझाया न होता
राहुल उपाध्याय । 14 अगस्त 2023 । सिएटल
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