Tuesday, August 8, 2023

यह दुनिया बहुत ख़राब है

मैं अपने बच्चों से कई बातें छुपाता हूँ 

उनसे सच नहीं कह पाता हूँ कि

ज़िन्दगी बहुत छोटी है 

और यह भी कि इस छोटी सी ज़िंदगी को 

मैंने और छोटा कर दिया है

हज़ार अर्थों में

हज़ार तरीक़ों से


मैं यह भी छुपाता हूँ कि

यह दुनिया बहुत ख़राब है

यह जितनी अच्छी है उतनी ही ख़राब है 

या उससे भी ज़्यादा 

हर चिड़िया पर मारने के लिए एक पत्थर है

जितने बच्चों से प्यार किया जाता है 

उतने ही बच्चे मौत के घाट उतार दिए जाते हैं 

यहाँ जितने मददगार हैं उतने ही हत्यारे हैं


यह दुनिया बहुत बहुत ख़राब है 

यह जानते हुए भी मैं उन्हें इसे बेचने में लगा हूँ 

जैसे कि कोई दलाल 

एक सड़ा सा घर बेच देता है 

यह कह कर कि देखो

तुम इसे कितना सुन्दर बना सकते हो!

कुछ रंगीन पर्दे लगा लो

दीवारों को रंग दो

नई केबिनेट लगा लो

मनपसंद का फ़र्नीचर ले आओ


(मैगी स्मिथ की कविता- गुड बोन्स - का हिन्दी रूपांतर)


राहुल उपाध्याय । 8 अगस्त 2023 । सिएटल 


Life is short, though I keep this from my children.

Life is short, and I've shortened mine

in a thousand delicious, ill-advised ways,

a thousand deliciously ill-advised ways

I'll keep from my children. The world is at least

fifty percent terrible, and that's a conservative

estimate, though I keep this from my children.

For every bird there is a stone thrown at a bird.

For every loved child, a child broken, bagged,

sunk in a lake. Life is short and the world

is at least half terrible, and for every kind

stranger, there is one who would break you,

though I keep this from my children. I am trying

to sell them the world. Any decent realtor,

walking you through a real shithole, chirps on

about good bones: This place could be beautiful,

right? You could make this place beautiful.

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