तुम्हारी बेवफ़ाई से सीखा है मैंने
प्यार-वफ़ा सब तजा है मैंने
ये दुनिया हसीन, रंगीन बहुत है
एक-एक रंग चखा है मैंने
जो तुमने किया, वो मैंने किया
डंके की चोट पे किया है मैंने
चलो, हटो, तुम क्या समझोगे
तुम्हें भी देख लिया है मैंने
ज़िन्दगी मेरी कोई कहानी नहीं है
एक-एक पल जी भर जिया है मैंने
राहुल उपाध्याय । 23 जनवरी 2025 । सिएटल
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