Saturday, January 4, 2025

दिल का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है

दिल का रिश्ता बड़ा ही प्यारा है

क्या हुआ जो ये दिल हारा है


आईना झूठ तो नहीं कहता

हमने ही रंग ये उतारा है


मिल गया कोई हमदम हमको

क्या कहें गुलसितां वो सारा है


हद से बढ़ कर कहाँ कोई चाहे

हम ही हैं जिनको इश्क़ ने मारा है


आदमी आज भी है आदम वो ही 

वस्ल की चाह ने कब सुधारा है


राहुल उपाध्याय । 4 जनवरी 2025 । सिएटल 



 



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