भोली बहू से कहती है सास
तुम से बंधी है बेटे की सांस
व्रत करो सुबह से शाम तक
पानी का भी न लो नाम तक
जो नहीं हैं इससे सहमत
कहती हैं और इसे सह मत
करवा चौथ का जो गुणगान करे
कुछ इसकी महिमा तो बखान करे
कुछ हमारे सवालात हैं
उनका तो समाधान करे
डाँक्टर कहें
डाँयटिशियन कहें
तरह तरह के
सलाहकार कहें
स्वस्थ जीवन के लिए
तंदरुस्त तन के लिए
पानी पियो, पानी पियो
रोज दस ग्लास पानी पियो
ये कैसा अत्याचार है?
पानी पीने से इंकार है!
किया जो अगर जल ग्रहण
लग जाएगा पति को ग्रहण?
पानी अगर जो पी लिया
पति को होगा पीलिया?
गलती से अगर पानी पिया
खतरे से घिर जाएंगा पिया?
गले के नीचे उतर गया जो जल
पति का कारोबार जाएंगा जल?
ये वक्त नया
ज़माना नया
वो ज़माना
गुज़र गया
जब हम-तुम अनजान थे
और चाँद-सूरज भगवान थे
ये व्यर्थ के चौंचले
हैं रुढ़ियों के घोंसले
एक दिन ढह जाएंगे
वक्त के साथ बह जाएंगे
सिंदूर-मंगलसूत्र के साथ
ये भी कहीं खो जाएंगे
आधी समस्या तब हल हुई
जब पर्दा प्रथा खत्म हुई
अब प्रथाओ से पर्दा उठाएंगे
मिलकर हम आवाज उठाएंगे
करवा चौथ का जो गुणगान करे
कुछ इसकी महिमा तो बखान करे
कुछ हमारे सवालात हैं
उनका तो समाधान करे
तुम से बंधी है बेटे की सांस
व्रत करो सुबह से शाम तक
पानी का भी न लो नाम तक
जो नहीं हैं इससे सहमत
कहती हैं और इसे सह मत
करवा चौथ का जो गुणगान करे
कुछ इसकी महिमा तो बखान करे
कुछ हमारे सवालात हैं
उनका तो समाधान करे
डाँक्टर कहें
डाँयटिशियन कहें
तरह तरह के
सलाहकार कहें
स्वस्थ जीवन के लिए
तंदरुस्त तन के लिए
पानी पियो, पानी पियो
रोज दस ग्लास पानी पियो
ये कैसा अत्याचार है?
पानी पीने से इंकार है!
किया जो अगर जल ग्रहण
लग जाएगा पति को ग्रहण?
पानी अगर जो पी लिया
पति को होगा पीलिया?
गलती से अगर पानी पिया
खतरे से घिर जाएंगा पिया?
गले के नीचे उतर गया जो जल
पति का कारोबार जाएंगा जल?
ये वक्त नया
ज़माना नया
वो ज़माना
गुज़र गया
जब हम-तुम अनजान थे
और चाँद-सूरज भगवान थे
ये व्यर्थ के चौंचले
हैं रुढ़ियों के घोंसले
एक दिन ढह जाएंगे
वक्त के साथ बह जाएंगे
सिंदूर-मंगलसूत्र के साथ
ये भी कहीं खो जाएंगे
आधी समस्या तब हल हुई
जब पर्दा प्रथा खत्म हुई
अब प्रथाओ से पर्दा उठाएंगे
मिलकर हम आवाज उठाएंगे
करवा चौथ का जो गुणगान करे
कुछ इसकी महिमा तो बखान करे
कुछ हमारे सवालात हैं
उनका तो समाधान करे
3 comments:
इस कविता में जो सवाल आपने पूछे हैं, वैसे सवाल कई लोगों के मन में आते होंगे। जवाब तो हर किसी को अपने ही मन के अंदर से मिल सकता है।
किया जो अगर जल ग्रहण
लग जाएगा पति को ग्रहण?
पानी अगर जो पी लिया
पति को होगा पीलिया?
गलती से अगर पानी पिया
खतरे से घिर जाएंगा पिया?
गले के नीचे उतर गया जो जल
पति का कारोबार जाएंगा जल?
:)
एक पक्ष यह भी है…
जबरदस्ती व्रत नहीं हो सकता
:)
आदरणीय राहुल जी
अच्छी पोस्ट ...
आभार
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सभी दम्पतियों को करवाचौथ की हार्दिक मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
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