भारत है इक नदिया
कांग्रेस-बीजेपी दो किनारे हैं
न जाने कहाँ जाएँ
हम बहते धारे हैं
बढ़ते हुए भ्रष्टाचार की
रफ़्तार में इक लय है
जो जितना सम्पन्न है
उतना ही वो भ्रष्टमय है
है कौन है जो अच्छा
सब चोर चकारे हैं
पिछले कुछ वर्षों में
विपदाएँ कई आई
इन दोनों में कोई
नहीं हमको बचा पाई
बस एक ही है रक्षक
जिसे पूजते सारे हैं
किस किस को नहीं चुनें
किस किस का करें विश्वास
दोनो ही बैचलर हैं
बैचलर पार्टी का क्या विश्वास
जिस पार्टी में हो कर के
नंगे नाचते सारे हैं
9 मार्च 2014
(अभिलाष से क्षमायाचना सहित)
व्हाईट रॉक । 513-341-6798
1 comments:
दोनों बड़ी parties के leaders bachelors हैं - आपने यह अच्छा common factor ढूंढा! मुझे लगता है कि हर party में कुछ लोग ऐसे हैं जिनपर विश्वास किया जा सकता है और कुछ लोग ऐसे जिन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। कुछ लोग अपनी elected post की तरफ seriousness और committment महसूस करते, कुछ लोग नहीं करते। बस यही चाहिए कि अच्छे ideas को सफलता मिले, tolerant और committed लोग आगे आयें - चाहें वो किसी भी party के हों, किसी भी धर्म के हों, young हों या old हों, single हों या married हों।
Parody का original गाना बहुत अच्छा है - आपने याद दिला दिया - thank you!
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