इतनी न मुझसे तू आस लगा
कि मैं एक पी-एम बेचारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
काम करे सी-एम सारा
कि मैं एक पी-एम बेचारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
काम करे सी-एम सारा
मैं गुजरात राज्य का था मुख्यमंत्री
मेरे राज में राज्य ने की बहुत तरक्की
टाटा से पूछो, अम्बानी से पूछो
हर उद्योगपति का भरा मैंने भंडारा
मेरे राज में राज्य ने की बहुत तरक्की
टाटा से पूछो, अम्बानी से पूछो
हर उद्योगपति का भरा मैंने भंडारा
है यू-पी प्रांत में कितने अपराधी
दिन-रात करे जो मनमानी
सहारनपुर जला, मुरादाबाद फ़ूँका
और मैंने बस भाषण मारा
दिन-रात करे जो मनमानी
सहारनपुर जला, मुरादाबाद फ़ूँका
और मैंने बस भाषण मारा
माना कि आज मैं हूँ प्रधानमंत्री
हर बंदे की मुझसे है आस बँधी
पर अखिलेश कहीं, तो कहीं ममता है जमी
इन सबको हटाओ तो हटे कुकर्म सारा
हर बंदे की मुझसे है आस बँधी
पर अखिलेश कहीं, तो कहीं ममता है जमी
इन सबको हटाओ तो हटे कुकर्म सारा
इस बार है विधानसभा की तैयारी
हर मंच से सुनोगे मेरी लफ़्फ़ाजी
मुझको ही सुनो, मुझको ही चुनो
फिर देखो बनूँ मैं कैसे सर्वहारा
हर मंच से सुनोगे मेरी लफ़्फ़ाजी
मुझको ही सुनो, मुझको ही चुनो
फिर देखो बनूँ मैं कैसे सर्वहारा
1 comments:
Parody अच्छी है - original गाना भी अच्छा है! कविता में "सर्वहारा" शब्द important है और "सहारा" के साथ उसका wordplay है मगर "सर्वहारा" का meaning नहीं पक्का पता है। शब्दकोष (http://www.shabdkosh.com) से भी कुछ help नहीं मिली।
यह lines बहुत funny हैं:
"इतनी न मुझसे तू आस लगा
कि मैं एक पी-एम बेचारा
कैसे किसी का सहारा बनूँ
काम करे सी-एम सारा" :) :)
कविता का title "Modi's 2nd Symphony" बढ़िया है!
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