जीत गए तो डरना क्या
जब जीत गए तो डरना क्या
चुनाव जीता है कोई नौकरी नहीं ली
खट-खट के काम करना क्या
फ़र्ज़ हमारा वादे करना
जनता का काम उन्हें पूरा करना
जब जनता ही नहीं काम करेंगी
तो नेताओं को निलम्बित करना क्या
पाँच साल चलेगा हमारा शासन
पाँच साल बिछेगा हमारा आसन
उसके बाद का सोच-सोच के
मन को आशंका से भरना क्या
जब-जब मन होगा दौरा करेंगे
कभी यहाँ तो कभी वहाँ करेंगे
राजपाट में हैं सैंकड़ों सुविधा
बंगला-गाड़ी-झरना क्या
(शकील बदायूनी से क्षमायाचना सहित)
1 comments:
Parody अच्छी लगी! Original गाना भी बहुत बढ़िया है!
आपकी बात ठीक है कि बिना जनता की cooperation के, कोई सरकार या उसका नेता अपने आप वादे पूरे नहीं कर सकता। अगर नेता के policies बनाने पर और motivate करने पर भी जनता help नहीं करेगी और हर काम सरकार पर सौंप देगी, तो नेताओं को failure के लिए blame नहीं करना चाहिए।
Post a Comment