Thursday, March 3, 2016

पहेली #42

न तेरा है
न मेरा है
ये जग रैन बसेरा है
कहाँ-कहाँ नहीं कहा नाना लोगों ने
न कर दादागिरी
न बन दादा किसी का
बोलो किसने कहा कि
जब सेवा का मौका मिले, तू ना न कर!

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इस पहेली का हल अंतिम पंक्ति में छुपा हुआ है। उदाहरण के तौर पर 
देखें अन्य पहेलियाँ और उनके हल.

यह रही पहेली 18:

अगर नोट होता ऐसा तो कद्र बिलकुल न करते
अगर नोट निकाले अच्छे तो वाह-वाह करते न थकते

दर्जी अगर काटे तो हुनर उसे है कहते
कोई और अगर काटे तो मर्डर उसे है कहते

जल्दी बूझे जल्दी बूझे समय निकला जा रहा है
इसके बिना तो एक भी निवाला न नि
गला जा रहा है

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1 comments:

Anonymous said...

Riddle meaningful है और अच्छी लिखी हुई है। यह जग रैन बसेरा ही है - सही बात है! दादा और दादीगिरी की बात अच्छी है। सेवा भाव में ही जीवन कटे तो लगता है कि किसी के काम आया। कहने वाले का नाम last line में बढ़िया छुपाया है।