Friday, October 21, 2022

दहलीज़ों पर हम दीप रखें

दहलीज़ों पर हम दीप रखें 

अंगना चमके दुख दूर हटे 

आँसू न हमारे आज बहें 

अंगना चमके दुख दूर हटे 


माना कि जहां में ग़म भी हैं

सुख और सहारे कम भी हैं

इक दीपक आस का आज जले

अंगना चमके दुख दूर हटे


होंठों पे तराने ले आएँ

उन्माद जीवन का घर लाएँ

नख से शिखा तक आज सजें

अंगना चमके दुख दूर हटे


राहुल उपाध्याय । 20 नवम्बर 2022 । सिएटल 


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