Monday, October 24, 2022

ये दीवाली हमारी है कितनी भली

ये दीवाली हमारी है कितनी भली

लाई ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ हमारी गली 

ये नहीं आज की, आप की बात है 

ये तो हरती सदा ग़म सब के रही


कल जो हारे से मारे से दिखते थे वो

आज इक जीत का उनमें उल्लास है 

हो विराट-सुनाक-अनाम कोई 

सबके दिल में भरी आज इक आस है

हाँ दिया है दिया बहुत इसने हमें 

सच यही बात हमने सबसे कही


तुम जो चाहो कि कोई तुम्हें प्यार दे

इक दीपक तो लेकर चलो साथ में

चाँद आए न आए तुम्हें थामने

इक दीपक हरे तम सदा रात में

तम हो ग़म हो या हो कोई बला

लौ सदा दीप की राह दिखाती रही


हम यदि आज अपने मक़ामों पे हैं 

ये न सोचें कि हम अपने कामों से हैं 

हाँ दुआएँ जहां की है इनमें लगीं 

तब जा के कहीं हम निगाहों में हैं

आम हो, ख़ास हो या हो श्रेणी कोई 

बस समझो दुआओं से गाड़ी चली


राहुल उपाध्याय । 24 अक्टूबर 2022 । सिएटल 


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