Monday, April 28, 2008

समाचार

कभी पेरिस हिल्टन 

तो कभी हिलेरी क्लिंटन 
कभी बिन लादिन 
तो कभी कोई और 'असासिन' 
कभी बराक ओबामा 
तो कभी किसी और का ड्रामा 

हर समाचार में यही सदा चार 
गायब है जिनका सदाचार 
सुन रहे हम दुराचार 
बिक रहा है व्याभिचार 
किसको पड़ी है यहाँ 
जो ढूंढे कोई उपचार 

सर पर है चुनाव 
और हाथ हिला रहे हैं उम्मीदवार 
नेतृत्व करेंगे ये किस प्रकार? 
जब जबान चले जैसे चले तलवार 

 एक दूसरे की बातें काट रहे हैं 
हर मुद्दे का दृष्टिकोण है बस जीत-हार 
तटस्थ भाव से कुछ सुन सकते नहीं 
तो कैसे चलेगी इनकी सरकार? 

दुनिया जा रही है गर्त में 
मगर दो साल से ये लगातार 
नगर-नगर घूम-घूम कर 
कर रहे बस अपना प्रचार 

 न देश की चिंता 
न समाज से प्यार 
आंकड़ों के ईर्द-गिर्द ही 
सीमित इनका संसार 

असलियत से कोसों दूर 
सलाह दे रहे हैं सलाहकार 
कोसो बस बुश को 
हर कमी का वही जिम्मेदार 

 मिट जाएगी हर समस्या 
कर देंगे सब का उद्धार 
 जब तक जीत न जाए 
तब तक आप करें इंतज़ार 

आग तो लगी आज है 
आज हो रहा है संहार 
जगह जगह बात बात पर 
आज हो रहा है प्रहार 

मगर जी नहीं, पहले 
चंदा दो हज़ार दो हज़ार 
राष्ट्रपति बना दो हमें फि
र करेंगें सोच-विचार 

क्यों लगाए हम आस इनसे 
इस बार या किसी और बार? 
हर चार साल यही नाटक होता है 
फिर से बार बार 

राहुल उपाध्याय |   28 अप्रैल 2008 | सिएटल
 ==================== 
Glossary: 
असासिन = assassin 
सदा = always 
सदाचार = good behavior 
दुराचार = bad behavior 
व्याभिचार = immoral behavior 
उपचार = cure 
उम्मीदवार = candidate 
नेतृत्व = leadership 
मुद्दे = issue 
दृष्टिकोण = perspective 
तटस्थ = objective, impartial 
गर्त = abyss 
प्रचार = campaign 
आंकड़ों = poll numbers 
कोसों = unit of distance, multiple miles 
 कोसो = blame 
संहार = genocide 
प्रहार = attack 
चंदा = donation 
दो = 1. give 2. two 
आस = hope

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: