कभी पेरिस हिल्टन
तो कभी हिलेरी क्लिंटन
कभी बिन लादिन
तो कभी कोई और 'असासिन'
कभी बराक ओबामा
तो कभी किसी और का ड्रामा
हर समाचार में यही सदा चार
गायब है जिनका सदाचार
सुन रहे हम दुराचार
बिक रहा है व्याभिचार
किसको पड़ी है यहाँ
जो ढूंढे कोई उपचार
सर पर है चुनाव
और
हाथ हिला रहे हैं उम्मीदवार
नेतृत्व करेंगे ये किस प्रकार?
जब जबान चले जैसे चले तलवार
एक दूसरे की बातें काट रहे हैं
हर मुद्दे का दृष्टिकोण है बस जीत-हार
तटस्थ भाव से कुछ सुन सकते नहीं
तो कैसे चलेगी इनकी सरकार?
दुनिया जा रही है गर्त में
मगर दो साल से ये लगातार
नगर-नगर घूम-घूम कर
कर रहे बस अपना प्रचार
न देश की चिंता
न समाज से प्यार
आंकड़ों के ईर्द-गिर्द ही
सीमित इनका संसार
असलियत से कोसों दूर
सलाह दे रहे हैं सलाहकार
कोसो बस बुश को
हर कमी का वही जिम्मेदार
मिट जाएगी हर समस्या
कर देंगे सब का उद्धार
जब तक जीत न जाए
तब तक आप करें इंतज़ार
आग तो लगी आज है
आज हो रहा है संहार
जगह जगह बात बात पर
आज हो रहा है प्रहार
मगर जी नहीं, पहले
चंदा दो हज़ार दो हज़ार
राष्ट्रपति बना दो हमें फि
र करेंगें सोच-विचार
क्यों लगाए हम आस इनसे
इस बार या किसी और बार?
हर चार साल यही नाटक
होता है
फिर से बार बार
राहुल उपाध्याय | 28 अप्रैल 2008 | सिएटल
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Glossary:
असासिन = assassin
सदा = always
सदाचार = good behavior
दुराचार = bad behavior
व्याभिचार = immoral behavior
उपचार = cure
उम्मीदवार = candidate
नेतृत्व = leadership
मुद्दे = issue
दृष्टिकोण = perspective
तटस्थ = objective, impartial
गर्त = abyss
प्रचार = campaign
आंकड़ों = poll numbers
कोसों = unit of distance, multiple miles
कोसो = blame
संहार = genocide
प्रहार = attack
चंदा = donation
दो = 1. give 2. two
आस = hope
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