Monday, April 14, 2008

मैं घर जाने लगा हूँ

मैं घर में ही रहता हूँ और घर जाने लगा हूँ
मैं जहाँ हूँ वहीं मंज़िल पाने लगा हूँ

है सब कुछ यहीं पर
यहीं है यहीं पर
मैं खुद को खुद से मिलाने लगा हूँ

नही और कोई दूसरा जहां है
जो है वो यही है
यहीं है यहाँ है
मैं हर इक चीज को अपनाने लगा हूँ


न कोई मुझसे कहता है
न मैं किसी की सुनता
मैं अपने आप चिर-धुन गाने लगा हूँ

कोलम्बिया बेसिन के आसपास,
14 अप्रैल 2008

इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


1 comments:

Alpana Verma said...

है सब कुछ यहीं पर
यहीं है यहीं पर
मैं खुद को खुद से मिलाने लगा हूँ

bahut khuub!