Monday, January 6, 2025

ग़म भी तेरा मिले तो प्यारा है

ग़म भी तेरा मिले तो प्यारा है

चाँद-सितारों पे घर हमारा है


सारी दुनिया की तोहमतें सह कर

हमने अपना ये घर सँवारा है


तू ख़ुश-ख़ुश है आजकल जितनी

उतना ही ख़ुश ये जहान सारा है


हमको तुमसे है कब-कहाँ शिकवा

तू नहीं तो ये दिल बिचारा है


तेरे मिलने से है आज बेफ़िक्री 

मैंने सब-कुछ जो तुझपे वारा है


राहुल उपाध्याय । 6 जनवरी 2025 । सिएटल 








इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें