Friday, September 19, 2008

आज के बाद

तेरे नम्बर को ना रिंग करेंगे सनम, आज के बाद
तुझे ई-मेल भी ना लिखेंगे सनम, आज के बाद

तू मेरा मिलना समझ लेना एक सपना था
तुझको बहाना मिल ही गया जो तुझको ढूंढना था
सच कोई तुमसे कहेगा ना सनम, आज के बाद

बजती जाएगी घंटियां रोज किसी सेल फोन की
फ़िर भी ना सुनूंगा धुन तेरे रिंग-टोन की
कान में रूई हम लगाएंगे सनम, आज के बाद

हमको तुमको साथ अभी तो सदियों चलना था
बीच सफ़र में हाथ यूँ नहीं तुमको छोड़ना था
हम हाथ किसी का ना पकड़ेंगे सनम, आज के बाद

राहुल उपाध्याय | 19 सितम्बर 2008 | सिएटल

(सावन कुमार से क्षमायाचना सहित)

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4 comments:

vineeta said...

bahut badhiya ....lage raho

MANVINDER BHIMBER said...

तेरे नम्बर को ना रिंग करेंगे सनम, आज के बाद
तुझे ई-मेल भी ना लिखेंगे सनम, आज के बाद
bahut achcha laga

Udan Tashtari said...

सही है. :)

Yogi said...

Achha hai,
But copied hai...from a song...

Aap itna achha likh sakte ho....kuchh apna likhaa keejiye...songs se copy karne ki kya zaroorat hai aapko....