दु:ख में डोनेट सब करे
सुख में करे न कोय
जो सुख में डोनेट करे
तो गिल्ट काहे को होय
गुरु गोविंद दोऊ खड़े
खा के लागू पाए
बिन भोजन न भजन भए
कहे राहुल कविराय
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे चाईना देश
पब्लिक को फ़्रीडम नहीं
अमरीका में है कैश
खरीद-खरीद स्टॉक के
लखपति भए कंगाल
ट्वीटर-फ़ेसबूक के आई-पी-ओ
खींच रहें हैं खाल
आवत ही हर्षे नहीं
नैनन नहीं सनेह
फिर भी हम वहाँ जाएंगे
ग्रीन-कार्ड जो देए
13 नवम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
(कबीर से क्षमायाचना सहित)
सुख में करे न कोय
जो सुख में डोनेट करे
तो गिल्ट काहे को होय
गुरु गोविंद दोऊ खड़े
खा के लागू पाए
बिन भोजन न भजन भए
कहे राहुल कविराय
बड़ा हुआ तो क्या हुआ
जैसे चाईना देश
पब्लिक को फ़्रीडम नहीं
अमरीका में है कैश
खरीद-खरीद स्टॉक के
लखपति भए कंगाल
ट्वीटर-फ़ेसबूक के आई-पी-ओ
खींच रहें हैं खाल
आवत ही हर्षे नहीं
नैनन नहीं सनेह
फिर भी हम वहाँ जाएंगे
ग्रीन-कार्ड जो देए
13 नवम्बर 2013
सिएटल । 513-341-6798
(कबीर से क्षमायाचना सहित)
2 comments:
कबीर के दोहे तो हमेशा ही हमें कुछ सिखाते रहे हैं मगर राहुल कविराय, आपने उन्हें आजकल के topics से जोड़ कर मज़ेदार बना दिया है। पहले दोहे में कही बात सही लगी कि donate करने के लिए हम किसी catastrophe की wait क्यों करते हैं। खजूर के पेड़ की जगह China की बात भी funny hai।
Bahut khoob!!
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