बेड़ा पार किया
तो क्या ख़ाक किया
मज़ा तो तब है
जब सबको
साथ लेकर चलो
और
सबका उद्धार करो
20 फ़रवरी 2015
सिएटल | 513-341-6798
Posted by Rahul Upadhyaya at 7:13 AM
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1 comments:
कविता अच्छी है। सबको साथ लेकर चलना कठिन है मगर सही रास्ता है।
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