ठण्ड में सब अकड़ जाते हैं
गर्मी से पिघल जाते हैं
और फिर भी ये उपदेश है
कि बनती कोशिश ठण्डे रहो
नागपुर में नाग नहीं
मूँगफली में मूँग नहीं
फिर भी ये हिदायत है
कि समझदारी से काम लो
मोहब्बत एक मोह-पाश है
जो लेती सबको बाँध है
और तानाशाह बदनाम हैं
कि करते सबको क़ैद हैं
कारगर होते कारागार
तो आज भी होता अंग्रेज़ों का राज
कारसाज़ का नहीं था इसमें हाथ
हमने किया ख़ुद अपना उद्धार
शब्दों के मायनों की माया को
कब, कौन, कहाँ समझ पाया है
कितना ही चाहे समझ लो
अर्थ के अनर्थ से कौन बच पाया है
16 जनवरी 2017
सिएटल | 425-445-0827
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