Friday, July 29, 2022

आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर दिमाग़ में

आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर दिमाग़ में

सबको मालूम है और सबको खबर हो गई


क्या हुआ क्यों हुआ ये कहाँ है खबर

सारा का सारा शहर हुआ दुश्मन मगर


ना ही लैला ना ही मजनू ना ही शीरी-फ़रहाद हम

फिर भी क्यूँ तरसे हैं दरस को एक दूजे के हम


प्यार की एक मिठास, प्यार की एक गंध

है बहुत अब चाहे हो जाए ज़िन्दगी का भी अंत


राहुल उपाध्याय । 30 जुलाई 2022 । मनौरी (उत्तर प्रदेश)

http://mere--words.blogspot.com/2022/07/blog-post_92.html?m=1



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