Wednesday, July 6, 2022

बेक़ाबू मेरे दिल की ज़ुबान है

बेक़ाबू मेरे दिल की ज़ुबान है

ये चल दे तो आग लगा दे

राख बना के रख दे सब कुछ 


जीवन जैसे इक आईना

दोष दिखाए ख़ुद का जो ना

आस-पड़ोस में दुश्मन देखें

रंग किसी का ख़ुद को जंचे ना

हम ही अच्छे, हम ही महान है 


आज का बालक, कल का युवा

सोच रहा है, कल क्या होगा 

देश चलेगा, देश जलेगा

या इतिहास एक रचेगा 

मन ही मन वो करता गुमान है


राहुल उपाध्याय । 7 जुलाई 2022 । बनारस 


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