Sunday, October 29, 2023

जहां समन्दर नहीं, वहाँ जन्नत नहीं

जहां समंदर नहीं, वहाँ जन्नत नहीं 

यह कहना मेरी आदत नहीं 


हो वैभव जहां. जहां कुछ भी नहीं 

कैसे कहूँ कि एक से मोहब्बत नहीं 


है पर्वत से प्रेम, और घटाओं से भी 

नफ़रत करना मेरी फ़ितरत नहीं 


घूमता हूँ मैं दुनिया जहान में यूँ

कि किसी से भी कोई तिजारत नहीं 


ये साफ़गोई नहीं, न है तमाशा कोई 

अशआर हैं मेरे, अर्ज़ी-ए-अदालत नहीं 


राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2023 । क्राबी (थाइलैंड)




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