आज फिर उसने एक मैसेज डीलिट कर दिया
और मुझे सातवें आसमान पर पहुँचा दिया
सारे दिन फुदकता रहा
सोचता रहा
उसने यह कहा होगा
वह लिखा होगा
मुझे दिल की बात कही होगी
फिर डर गई होगी
या कुछ ऐसा लिख दिया होगा
जिसे पढ़ कर वह खुद ही शर्मा गई होगी
हाय राम! ये क्या लिख दिया
मैं भी कितनी पागल हूँ
वह जब भी ऐसा करती है
पूछने पर कुछ बताती नहीं
हम क्यूँ बताएँ?
बताना होता तो डीलिट क्यों करते?
ख़ुद ही सोचो क्या लिखा होगा
यूँ तो कल्पना के घोड़े खूब दौड़ाते हो
जो तीन शब्द
वह लिख नहीं पाती है
कह नहीं पाती है
उन्हें एक डीलिटेड मैसेज में मैं
हज़ार बार पढ़ लेता हूँ
बावरा हो जाता हूँ
नोबेल पुरस्कार पा जाता हूँ
राहुल उपाध्याय । 22 अप्रैल 2024 । सिएटल
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