मौत सबकी होती है
मेरी नहीं होगी
मैं मेरी मौत के बाद रहूँगा ही नहीं
कि उसका संज्ञान पा सकूँ
कि उसकी तिथि दर्ज कर सकूँ
तो मैं मरा कैसे
जो मैं हूँ
वो तो जन्मा भी नहीं
जो रोता हुआ बच्चा जन्मा था
वह मैं नहीं था
मुझे मेरी पहली याद मेरा स्कूल जाना है
वह पैदा नहीं हुआ था
वह प्रकट हुआ था
जन्मा था कोई और किसी के लिए
मरेगा भी कोई और किसी के लिए
मैं तो अमर हूँ
जब मैं अमर हूँ तो
कार में सीट बेल्ट क्यों लगाता हूँ
बोट में लाइफ वेस्ट क्यों पहनता हूँ
यह इसलिए कि
मैं अपाहिज की ज़िंदगी नहीं जीना चाहता
राहुल उपाध्याय । 4 अप्रैल 2024 । बॉयज़ी, आयडाहो
0 comments:
Post a Comment