क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसमें
जब उसे देखूँ
वह कहे शृंगार देखो
जब शृंगार देखूँ
कहे मुझे देखो
क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसमें
जब वो घर जाए
उदास हो जाए
बाय कहते वक़्त
आँख भर आए
क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसमें
मैं एक माँगूँ
वह दस भेजे
सेल्फ़ी में
जन्नत का सुख भेजे
क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसमें
लोक-लाज को
ध्यान में रखकर
वह लोक-लाज
सब तज बैठे
क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसमें
वो अलार्म से नहीं
मेरी कॉल से उठे
ब्रश करते वक़्त भी
न फ़ोन रखे
क्या प्यार उसे कहते हैं
जिसे
समझदार
ना समझे
और नासमझ
सब समझे
राहुल उपाध्याय । 18 फ़रवरी 2021 । सिएटल
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