उसे मेरी लाल टी-शर्ट नहीं पसन्द थी
इसे हाइकिंग शूज़
लगता है
मेरी गाड़ी
फिर से चल पड़ी है
कोई तो है जिसे
मेरे अच्छे-बुरे की पड़ी है
इश्क़
ऐसा ही होता है
इश्क़
ऐसे ही होता है
सब पसन्द आ जाए
तो औपचारिकता लगती है
सब नापसंद हो
तो घर की मुर्ग़ी लगती है
राहुल उपाध्याय । 21 फ़रवरी 2021 । सिएटल
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