Tuesday, February 9, 2021

मैं ग़ालिब हूँ, मैं मीर हूँ

मैं ग़ालिब हूँ, मैं मीर हूँ 

किसी के कमान का न तीर हूँ 


है सबका अपना वेद कोई

मैं खुद ही दवा खुद पीर हूँ


हैं दामन पे जो दाग मेरे

मैं उनसे हुआ अमीर हूँ 


ज़हर पीऊँ मुझे रास नहीं

मैं पीता ना कोई खीर हूँ


तुम मिले मुझे सब मिला

मैं मालामाल फ़क़ीर हूँ


राहुल उपाध्याय । 9 फ़रवरी 2021 । सिएटल 


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