Sunday, February 7, 2021

प्यार किया करता हूँ

है शिकवा उन्हें मैं प्यार किया करता हूँ

फ़क़त फक्र मुझे मैं प्यार किया करता हूँ 


ज़माने भर के ग़मों की है एक भीड़ यहाँ 

उन्हें तज के मैं प्यार किया करता हूँ 


न इसका हूँ, न उसका हूँ, न किसी का हूँ मैं 

हर कली से मैं प्यार किया करता हूँ 


न मिलाई कुंडली, न मुहूर्त निकाला है कभी

सुबह से शाम से मैं प्यार किया करता हूँ


न सोचा, न समझा, न परखा है कभी 

सरफिरा मैं, मैं प्यार किया करता हूँ


राहुल उपाध्याय । 7 फ़रवरी 2021 । सिएटल 

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फ़क़त फक्र = केवल गर्व








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