हर दिन याद आओगे, तुम जेफ़ बेज़ोस
जग में काम आएगा, अमेज़ॉन हर रोज़
दूजे के हाथों में, देकर अपनी डोर
सपने सुहाने तुम करोगे सच और
अनहोनी पग में काँटें लाख बिछाए
तुमने तो फिर भी फूल लाख खिलाए
हो मार्केट मंदा, हो चौपट कोई धंधा
तुम तो फ़ौलादी तुम न घबराए
तरम्पम,
वादे जो किए वो कर के रहे हो
बन के रोल मॉडल तुम, हुए बहुत अनमोल
सस्ते में बेची पहले कई किताबें
बाद में बेच दिए बादल कारे-कारे
ये कमाल की जोड़ी, थी दूर की कौड़ी
हर तरफ़ था फायदा, कठिनाई भी थोड़ी
तरम्पम
सर को उठाए तुम लड़े दिन और रात
नैनों से नैना जोड़, दी निशानी छोड़
(मजरूह से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 3 फ़रवरी 2021 । सिएटल
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