Sunday, August 1, 2021

मीराबाई चानू

मैंने उसके करोड़ को देखा

पथ को लेते मोड़ को देखा


ग़रीब थी धनवान हुई

देश की आज शान हुई


छोटा था, बड़ा पद मिला

यथोचित प्रेम, यश मिला


दिखता उसका संघर्ष नहीं 

परिश्रम से भरे वर्ष नहीं 


रोज़ सुबह जल्दी उठना

पुश-अप करना, पुल-अप करना

घंटो-घंटो रियाज़ करना

इससे भिड़ना उससे लड़ना

छोटे-बड़े अवार्ड जीतना

हार के भी न साहस खोना

आगे-आगे बढ़ते जाना

हर क़दम पे जान लगाना

मन को थामें, बांधे रखना

एक इंच भी न पथ से हटना

जो भी करना ख़ुद को करना

न इससे मिलना, न उससे मिलना

काम से काम, और काम ही करना

घर-परिवार से दूर ही रहना


इतना सब करके भी 

क्या गारंटी है कि 

मिलेगा डेढ़ फुट ऊँची पोडियम पर 

चढ़ के पैर जमाना?

अपने गले में मेडल लटकाना?


एक शाम मैंने उसे सब पाते देखा

नहीं देखा कि लगा उसमें 

जीवन नहीं 

एक ज़माना

ख़ून-पसीना

आँसू-वासू

बस के धक्के 

ट्रेन के डिब्बे 

बरसात की रातें 

गर्मी के दिन

सर्दी की छाँव 

थके से पाँव 


मैंने उसके करोड़ को देखा …


राहुल उपाध्याय । 1 अगस्त 2021 । सिएटल 








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6 comments:

Ravindra Singh Yadav said...

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (02-08-2021 ) को भारत की बेटी पी.वी.सिंधु ने बैडमिंटन (महिला वर्ग ) में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। (चर्चा अंक 4144) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

Anita said...

एक खिलाड़ी के जीवन का संघर्ष सबके सामने नहीं आता, आती है केवल हार और जीत की पीड़ा या हर्ष, इस रचना में उस संघर्ष का यथार्थ वर्णन हुआ है

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

एक खिलाड़ी के जीवन के संघर्ष की गाथा । बहुत खूब

Amrita Tanmay said...

संघर्ष की सुंदर गाथा ।

Manisha Goswami said...

एक खिलाड़ी के जीवन के संघर्ष को बयां करती बहुत ही बेहतरीन रचना!

मन की वीणा said...

यथार्थ पर गहन दृष्टि पात करता सार्थक सृजन।
साधुवाद।