मैं तो समझता था कि
तुम्हें भुलाने में ज़माने लगेंगे
कुछ ही दिन हुए हैं
और मुझे कुछ भी याद नहीं
तुम्हारा नाम, उम्र, जन्मदिन, फ़ोन नम्बर
तुम्हारा हँसना-खिलखिलाना
तुम्हारे
बालों की ख़ुशबू
होंठों का स्वाद
गाल पे तिल
नाक पे ग़ुस्सा
हमारे मिलने की तारीख़
हमारे ब्रेकअप की रात
वो छोटा सा पर्स
वो तिरछे से बाल
वो कानों की बाली
कुछ भी याद नहीं
मिलोगी कभी तो पूछना मुझसे
मैं कुछ नहीं बताऊँगा
कुछ नहीं बता पाऊँगा
मैं तो समझता था कि …
राहुल उपाध्याय । 11 जनवरी 2022 । सिएटल
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