Tuesday, January 11, 2022

मैं तो समझता था कि

मैं तो समझता था कि

तुम्हें भुलाने में ज़माने लगेंगे


कुछ ही दिन हुए हैं 

और मुझे कुछ भी याद नहीं 

तुम्हारा नाम, उम्र, जन्मदिन, फ़ोन नम्बर 

तुम्हारा हँसना-खिलखिलाना

तुम्हारे

बालों की ख़ुशबू 

होंठों का स्वाद

गाल पे तिल

नाक पे ग़ुस्सा 

हमारे मिलने की तारीख़ 

हमारे ब्रेकअप की रात

वो छोटा सा पर्स

वो तिरछे से बाल

वो कानों की बाली

कुछ भी याद नहीं 


मिलोगी कभी तो पूछना मुझसे 

मैं कुछ नहीं बताऊँगा 

कुछ नहीं बता पाऊँगा 


मैं तो समझता था कि …


राहुल उपाध्याय । 11 जनवरी 2022 । सिएटल 




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