सभी कुछ है हाँ पर बस ये कमी है
के हमको तुमसे नफ़रत नहीं है
और तिस पर भी तोहमत है ऐसी
मोहब्बत है कहने की इजाज़त नहीं है
जो सच है वही हम कहते हैं देखो
ग़लत तो नहीं हम सुनके तो देखो
शरीफ़ों की नगरी में शरीफ़ ही शरीफ़ हैं
गले मिल के रोने की फ़ुरसत नहीं है
बड़ी देर हो गई हमें आते-आते
आते जो पहले तो तुमको बताते
के दुनिया हमारी है भोली-भाली
इसमें तिजारत-अदावत नहीं है
राहुल उपाध्याय । 5 जनवरी 2022 । सिएटल
0 comments:
Post a Comment