Monday, January 24, 2022

अब जो होगा बुरा होगा

अब जो होगा

बुरा होगा

न होगा

तो ख़ुदा होगा


जब तक था प्रेम

था मोहपाश

अब जा के कहीं 

सफ़र हल्का होगा


बचपन से अब तक

न पुकारा जिसे 

उसे पुकारने से

अब क्या होगा 


सब नियम हैं

नियंत्रण के हथकंडे 

सिमरन में भी उसका ही

कोई फ़ायदा होगा 


न पढ़ता है कोई 

न समझता है कोई 

क़िस्मत लिखनेवाला भी

अपनी क़िस्मत को रोता होगा 


राहुल उपाध्याय । 24 जनवरी 2022 । सिएटल 



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