घर वो हुआ करते थे
जहाँ लोग रहा करते थे
बुआ-मौसी अपने बच्चों सहित
गर्मियों की छुट्टियाँ बीताने आया करते थे
फिर वे सराय बन गए
जहाँ कुछ लोग कभी-कभार
रात-दो-रात गुज़ार लिया करते थे
अब ये रेस्टोरेन्ट हैं
खाया, पिया और खिसकें
राहुल उपाध्याय । 28 जनवरी 2022 । सिएटल
2 comments:
सचमुच घर से सराय और फिर रेस्टोरेंट बन गए हैं। आपने बहुत ही सही रूपक दिया है। बहुत ख़ूब 👌👌
सही विश्लेषण
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