Monday, January 31, 2022

गरम-गरम ये चाय है

गरम गरम ये चाय है

पीने को 

सौ-सौ बार मैंने जतन किए


पाँच बजे कोई उठता है, 

दूर कहीं से दूध लाता है 

तब जा के किसी चूल्हे पे

चाय में रंग वो आता है 


होती होगी कॉफी भी

पसंद हज़ारों लाखों की

मुझको है बस चाय पसन्द

पसन्द मेरे ख़्वाबों की


चाय में ऐसा जादू है

चाय मिटाती तनहाई है 

कितना भी हो बासी दिन

चाय मिले शहनाई है


राहुल उपाध्याय । 31 जनवरी 2022 । सिएटल 

https://youtu.be/bgJTvvjv0aY



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