Wednesday, January 12, 2022

मैं मर तो उसी दिन गया था

मैं मर तो उसी दिन गया था

जिस दिन तुमने मुझे अमिताभ 

और ख़ुद को रेखा बताया था 

फूलों की वादी में

अपनी गोद

मुझे सुलाया था

अपने हाथों 

बर्थडे केक खिलाया था

एक नहीं 

सौ-सौ हाथ मुझे जगाया था

अपना आँचल मुझे ओढ़ाया था

हर गाने को अपना गाना बनाया था 


ये ब्रेकअप?

ये तो हमारे किरदार में शामिल है

हमारी कहानी का बेहतरीन अंग है 

हमारी प्राणशक्ति है 


—-*—*—-*—-


घर जाकर

खाना खा लेना

पोर्ट्रेट खिंचवाकर 

दीवाली की शुभकामनाएँ भेज देना ही

जीवन नहीं 


जीवन

यह भी है

कि वह है

और उससे मिल नहीं सकते


पता मालूम है 

रस्ता भी जाना-पहचाना है 

और उधर मुड़ नहीं सकते


बल्कि 

यही 

जीवन है 


मैं मर तो उसी दिन गया था 


राहुल उपाध्याय । 12 जनवरी 2022 । सिएटल 



इससे जुड़ीं अन्य प्रविष्ठियां भी पढ़ें


0 comments: