Sunday, January 23, 2022

जीवन चक्र

तीन चौथाई पानी है

फिर भी तरसती आँखों से

तकती है धरती मेघों को


पाती है, पीती है, तकती है 

पाती है, पीती है, तकती है

पाती है, पीती है, तकती है


संतुष्टि नहीं 

असंतुष्टि ही

जीवन चक्र है


राहुल उपाध्याय । 23 जनवरी 2022 । सिएटल 



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