Friday, January 28, 2022

जब भी मैं तुम्हारी बात करता हूँ

जब भी मैं तुम्हारी बात करता हूँ 

लोग सोचते हैं 

मैं उसकी बात कर रहा हूँ 


मैं फैज़, मैं खुसरो, मैं कबीर हो गया हूँ 


तुम ही मेरी आत्मा 

तुम ही मेरा परमात्मा हो


तुम्हें देख सकता हूँ 

तुम्हें सुन सकता हूँ 

तो इसमें बुराई क्या है?


तुम ही मेरी आत्मा 

तुम ही मेरा परमात्मा हो


तुम्हें दोस्त कह के

मैं ख़ुद को कम क्यों आँकूँ 


मैं कलम का धनी, अमीर हो गया हूँ 

मैं फैज़, मैं खुसरो, मैं कबीर हो गया हूँ 


राहुल उपाध्याय । 28 जनवरी 2022 । सिएटल 






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