इतनी बड़ी ट्रेजेडी हो गई
और इसकी हमें ख़बर नहीं
इसका हम पर असर नहीं
इसका कोई ज़िक्र नहीं
अर्ली हेलोवीन
लेट दीवाली
मनती रहीं
पतझड़ की बहार
मन हरती रही
गोष्ठी चलती रही
क्या हम
निष्ठुर हैं
पत्थर हैं
कि कोई भी घटना
हमें विचलित नहीं कर सकती
जब तक वो हमारी अपनी न हो
इतनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का
क्या फ़ायदा
जब वो हमें
बबल की क़ैद से
आज़ाद नहीं कर सकती
राहुल उपाध्याय । 30 अक्टूबर 2022 । सिएटल