ये ट्वीटर है
इस ट्वीटर का
यही है, यही है, यही है रंग रूप
थोड़ी न्यूज़ है
थोड़ी बकवास
यही है, यही है, यही है रंग रूप
ये न सोचो इसमें अपने पराग हैं कि मस्क हैं
उसे अपना लो जो भी मार्केट की रीत है
ये ज़िद छोड़ो, मुँह न मोड़ो
तुमसे ही ट्वीटर है
छलकेंगे नैन कभी अपने भी रात को
समझेंगे क्या तभी मतलब की बात को
ये जग सारा, कितना प्यारा
खट्टा और स्वीटर है
(आनन्द बक्षी से क्षमायाचना सहित)
राहुल उपाध्याय । 29 अक्टूबर 2022 । सिएटल
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