Friday, October 28, 2022

बादशाही हुकूमत जाती रही

बादशाही हुकूमत जाती रही

आज संतों की दहशत है छाई हुई


आप क्या खाएँगे, आप पहनेंगे क्या

सारी बंदिशें हैं हम पे लगाई गई 


कल तलक आप देते थे आशीर्वचन 

आज हुंकार दिन भर सुनाई पड़ी 


प्यार के, प्रीत के वचन कहते नहीं 

आग घर में है इनकी लगाई हुई 


दाड़ी का, मूँछ का ओढ़ मुखौटा लिया

आँख सबसे न इनसे मिलाई गई 


कल चढ़ाते थे जिनको ये श्रद्धा सुमन

आज उनको ही गाली सुनाई गई 


राहुल उपाध्याय । 28 अक्टूबर 2022 । सिएटल 

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