आपकी याद मुझको आती नहीं
भूल जाऊँ मैं कैसे पता ही नहीं
ये करूँ, वो करूँ, सोचूँ मैं रात भर
रात कटती नहीं, नींद आती नहीं
फ़ोल्डर फ़ोटो से हैं तमाम भरे हुए
शक्ल जिनकी मुझे आज भाती नहीं
आग में हाथ दूँ, फ़ोन लगाऊँ उन्हें
फ़र्क़ दोनों में मुझको मिला ही नहीं
जान के बूझ के प्यार उनसे किया
जो सफ़र में रहे मेरे साथी नहीं
राहुल उपाध्याय । 28 अक्टूबर 2022 । सिएटल
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