टेक्नॉलजी हो पर इतनी नहीं
कि अपनों में हो मेरी गिनती नहीं
मिल रही है शुभकामनाएँ
जबकि वे गई भेजी नहीं
कॉपी/पेस्ट से है भेज रही
नाम भी मेरा लिखती नहीं
कहती है झूठ कि हाँ उन्होंने पढ़ ली
जबकि सच तो हैं कि उन्होंने देखी नहीं
रेवड़ियों सी जो ये बाँट रहीं
दुआएँ तो ये लगती नहीं
राहुल उपाध्याय । 23 अक्टूबर 2022 । सिएटल
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