Friday, December 23, 2022

कह दो किसी से प्यार है


कह दो किसी से प्यार है 

कर भी दो इज़हार 

कब तलक छलती रहोगी

कह भी दो इक बार


करती तो हो तुम रोज़ बात उससे

उगते तुम्हारे हैं दिन-रात उससे 

अपने जीवन का है वो ख़ास हिस्सा 

फिर क्यों भला दूर दस हाथ उससे 

महका ये यौवनजलवे ये प्यारे

करती क्यों उसको तुम बेक़रार 


तुमसा नहीं है दुनिया में कोई 

करना नहीं है शिकवा भी कोई

है प्यार तुमसे ये ही बहुत है

माँगा नहीं कुछ तुमसे कभी भी

आया है दर पे कहने ये तुमसे

कर ले ना मेरा तूमेरा ऐतबार 


राहुल उपाध्याय  23 दिसम्बर 2022  त्रिवेंद्रम 



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1 comments:

Rupa Singh said...

बहुत खूब 👌👌