Tuesday, December 27, 2022

वो कौन थी, वो कौन है

आज

बस में वो दिखी मुझे 

ट्रेन में वो मिली मुझे 


वो कौन थी 

वो कौन है

जो हर सू

मेरी ओर है


फ़ोन 

मैं उसे करता नहीं 

वो मुझे करती नहीं 

और 

चाहती है इतना कि

मानती है इतना कि

धूप में वो छाँव है

छाँव में वो धूप है

हर पल

उसका रंग है

हर पल

उसका रूप है


जो थी 

वो चली गई 

जो है नहीं 

वो मिल रही


पर्स से कुछ निकालती

आँख से वो पुकारती

वह युवती है, वह षोडशी 

जो

बाल है बिगाड़ती

बाल है संवारती

फ़ोन से है खेलती

फ़ोन पे है खेलती

धूप जिसे हैं छेड़ती

बाली जिसकी झूलती

नाक-नक़्श ही नहीं 

दिमाग़ भी जिसका तेज़ है 

किशोर को नहीं जानती

मिका का जिसको क्रेज़ है 


हर एक में अक्स उसका है

जो भी है सब उसका है


हैं इतने दूर हम 

कि

हर पल हम साथ हैं


वो कौन थी 

वो कौन है

जो हर पल

मेरे साथ है


राहुल उपाध्याय । 27 दिसम्बर 2022 । दिल्ली 



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