केक
किसी ने भेजा
किसी ने काटा
खाया-पीया
मैंने ही सारा
दूसरों के सुख में
सुख मिल रहा है
कैसा भी सुख हो
कभी न नकारा
आज जो मिला है
उसी में रमा हूँ
कल की नाहक
करूँ मैं न चिन्ता
कल क्या होगा
परवाह किसे हैं
कल भी तो होगा
आज ही से पैदा
बने कोई अपना
यूँ बिफरता नहीं हूँ
बन गया उसी का
जिसने पुकारा
अपना-पराया
कुछ होता नहीं है
जब हूँ किसी का
तो हूँ मैं सभी का
राहुल उपाध्याय । 14 दिसम्बर 2022 । दिल्ली
0 comments:
Post a Comment