Tuesday, December 13, 2022

केक

केक

किसी ने भेजा

किसी ने काटा

खाया-पीया 

मैंने ही सारा


दूसरों के सुख में 

सुख मिल रहा है

कैसा भी सुख हो

कभी न नकारा


आज जो मिला है 

उसी में रमा हूँ 

कल की नाहक

करूँ मैं न चिन्ता 


कल क्या होगा 

परवाह किसे हैं

कल भी तो होगा

आज ही से पैदा 


बने कोई अपना

यूँ बिफरता नहीं हूँ 

बन गया उसी का

जिसने पुकारा 


अपना-पराया 

कुछ होता नहीं है 

जब हूँ किसी का

तो हूँ मैं सभी का


राहुल उपाध्याय । 14 दिसम्बर 2022 । दिल्ली 










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