बरसों से हम और आप कितने उदास हैं
रह के भी दूर-दूर हम इतने पास हैं
घर से गए जो आप तो घर घर लगा नहीं
आएँगे इक दिन आप फिर ये मेरी आस है
चलना पड़े जो आज तो चल देंगे साथ हम
कह के तो हमको देखिए, तरीक़े पचास हैं
राहुल उपाध्याय । 21 मार्च 2023 । सिएटल
बरसों से हम और आप कितने उदास हैं
रह के भी दूर-दूर हम इतने पास हैं
घर से गए जो आप तो घर घर लगा नहीं
आएँगे इक दिन आप फिर ये मेरी आस है
चलना पड़े जो आज तो चल देंगे साथ हम
कह के तो हमको देखिए, तरीक़े पचास हैं
राहुल उपाध्याय । 21 मार्च 2023 । सिएटल
Posted by Rahul Upadhyaya at 8:27 PM
आपका क्या कहना है??
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2 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार (30-03-2023) को "रामनवमी : श्रीराम जन्मोत्सव" (चर्चा अंक 4651) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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श्री राम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह!बहुत खूब 👌
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